तनहा रात

इस तन्हा रात में सनम तुम हो और मैं हूँ
चलो हम दोनों दिल अपने की कोई बात करें

तुम सुनाओ कोई किस्सा अपना दर्द भरा
चलो हम दिल से दिल की कोई मुलाकात करें

दर्द हो कोई तेरे दिल में तो बता दो मुझे
भूल जाओ दर्द अपने चलो ख़ुशी की बात करें

अक्सर मसरूफ़ रहते हो तुम मेरी नहीं सुनते
अभी वक़्त दो घड़ी चलो हम मुलाकात करें

बह जायेंगे तेरे अश्क़ भी मेरी आँखों से
आओ कुछ प्यार भरी हल्की सी बरसात करें

ये जरूरी नहीं हर ख्वाहिश ही मुक्म्मल हो
पूरी होगी कोई ख्वाहिश जो तू इनायात करे

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