झूठा दम

झूठा ही दम भर लिया मैंने
क्या जानूँ बेकरारी इश्क़ की

जाने कब होगा इश्क़ मुझे
कब होगी खुमारी इश्क़ की

अभी तो दिल जला नहीं मेरा
जाने कब होगी बीमारी इश्क़ की

कब तुम बाँहों में भरोगे मुझको
जाने कब होगी गिरफ्तारी इश्क़ की

बहुत गुलाम हो लिए दुनिया के
जाने कब होगी ताबेदारी इश्क़ की

नहीं बयां करेंगे इश्क़ के किस्से
रख लेंगे हम राजदारी इश्क़ की

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