तेरा ख्याल

एक ये दिल ही है जो मुझसे सम्भलता ही नहीं
तेरा ख्याल जाने क्यों अब निकलता ही नहीं

मत याद आओ की कुछ पल खुद को जी लूँ
तुम आ जाओगे तो मुझसे कुछ सम्भलता नहीं
तेरा ख्याल जाने क्यों........

किस तरह अश्कों को अपने रोक पाती हूँ
तेरी यादों के बिन दिल ये पिघलता नहीं
तेरा ख्याल जाने क्यों.......

ना जाने कौन सी घड़ी तुझसे दिल लगाया था
अब मुश्किल में पड़े हैं हमें दिल मिलता नहीं
तेरा ख्याल जाने क्यों........

जाने क्यों मौत के बाद याद सभी करते हैं
जिन्दा रहते हुए दो कदम साथ कोई चलता नहीं
तेरा ख्याल जाने क्यों.......

मिल जाते हो तन्हाई में अक्सर अश्कों में
साथ तेरा भरी महफ़िल में कभी मिलता नहीं
तेरा ख्याल जाने क्यों........

नहीं कहना दर्द कोई की लब बन्द करूँ अपने
बोल देती हैं क्यों आँखें वो जो लब कहता नहीं
तेरा ख्याल जाने क्यों........

तेरा एहसास हुआ तो हस लिए थोडा सा हम
वरना दर्द में डूबा ये दिल कभी हसता नहीं
तेरा ख्याल जाने क्यों.........

क्यों बेखुदी सी कर देते हो मुझको तुम अक्सर
वरना ये पत्थर सा दिल मेरा कभी मचलता नहीं
तेरा ख्याल जाने क्यों......

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