शिकायत
इश्क़ में कहाँ रहती है होश अपनी
खुद ही तोड़ देते हैँ फ़लसफ़े ज़िंदगी के
खामोश रह लेंगे अब शिकायत न करेंगे
तेरे इश्क़ ने मुझे पत्थर बना दिया है
डूब ही जाएँ काश खामोश हो जाएँ
अब होश में रहना मुश्किल बेहोश हो जाएँ
हस कर कबूल प्यारे तुमने अपना दर्द दिया
अपना समझते हो तभी बात मान गए
शुक्रिया तेरा जो तूने दर्द दिए अपने
मेरा तुझसे ना मिलना तेरा ही तो दर्द है
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