कब कृपाकोर
सखी कब श्यामा कृपा कोर बरसावेंगी !
मुझ अधम को कब भव पार ले जावेंगी !!
कब श्यामा निज चरणन की किंकरी बनावेंगी !
कब ये दासी युगल सेवा कर सुख पावेगी !!
शरण लीजो मोहे लाडली दीन अधम हूँ पर तेरी !
और देर ना करो स्वामिनी हाय बहुत भई देरी !!
अपने चरण आश्रय से अब मुझे वंचित ना करो !
रख लो शरण अपनी श्यामा तव पद मम शीश धरो !!
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