याद पिया की पल पल
याद पिया की पल पल आए
नैनन मोरे झर झर जाएं
याद पिया की.......
मोहे बिसार गयो पिया मेरो
तड़पत हूँ सखी बिरह घनेरो
सुधि लीजो अब मोरी पिया जी
तेरा बिरह मोहे आग लगाए
याद पिया की........
सावन गयो सखी मेरो सूना
पिया बिन सखी भई प्राण विहीना
बात निहारूँ रात दिन तेरो
अबहूँ आए पिया अबहूँ आए
याद पिया की........
कोई पिया को पाती देयो मेरो
बीत गए सखी दिवस बहुतेरों
बैठी तेरो राह तकूँ निस दिन
बाँवरी अपनी सुधि बिसराए
याद पिया की.........
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