क्यों है पर्दा

क्यों है पर्दा मुझसे ये कैसी अदा है
तुमसे दूर रहना क्यों मेरी सज़ा है

पर्दे में छिपे हो मुस्कुरा रहे हो
यूँ ही दूर रखकर बहला रहे हो
क्यों तड़पाने में ही तुमको मज़ा है
तुमसे दूर रहना......

ख्यालों से मेरे जो जाओ तो मानूँ
दिल से तुम मुझको भुलाओ तो मानूँ
तेरा दर्द ही क्यों मेरी दवा है
तुमसे दूर रहना.........

क्यों हर साँस मेरी तेरे नाम से चलती
क्यों तेरे एहसास से मेरी दुनिया बदलती
तेरी ही हूँ मुझमें मेरा रखा क्या है
तुमसे दूर रहना......

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