सखी री नैनन नीर

सखी री नैनन नीर बहे
हाय नहीं आये क्यों पिया जी
कैसे हम ये दर्द सहें
सखी री.........

हाय पिया क्यों देर लगाई
नैन लगा कर चैन गवाई
क्यों पिया तुम्हें याद ना आई
कैसे दिल के दर्द कहें
सखी री..........

ऐसो पिया क्यों नेह लगाया
दिल अपने का चैन गवाया
हाय ये दिल ही हुआ पराया
रात दिन यूँ ही नैन बहें
सखी री..........

क्यों पिया मुझे छोड़ गए हाय
क्यों मुझसे मुख मोड़ गए हाय
दे गए कैसा दर्द जिया का
हाय सखी और कितना सहें
सखी री.........

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