हुण आजा मेरे चन्न वे
हुण आजा मेरे चन्न वे
उडीकां विच ही ना मुक् जावां
क्यों दूर हैँ मेरे तों
तेरियां तकदी हाँ नित राहां
हुण आजा......
नहीं दूर हुण रह सकदी
हाय कुझ वी नहीं कह सकदी
पीड़ इश्के दी सजणा बुरी
हाय होर ना सह पावां
हुण आजा..........
तेरे राह सजावां मैं
नित फुल बरसावां मैं
कदे पा वी लो हुण फेरा
हाय मुक् जाण मेरियां आहाँ
हुण आजा.........
तू खुश रह मेरे सजणा
नहीं मर्ज़ी अजे ना आ
तेरी रज़ा विच रह लेणा
तेरा केहा सब मन् जावां
हुण आजा........
मेरे दिल विच पीड़ भारी
सुधि ले मेरी बनवारी
दूर करो सब पर्दे अपणे
बस इक नज़र तेरी पावां
हुण आजा...........
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