मत सम्भालो

मत सम्भालो की बह जाने दो
इस तड़प को ही दिल में रह जाने दो
ये आग ही जला देगी कभी मुझे
ये तड़प ही तुझसे मिला देगी कभी मुझे

तुझे खोजा कभी किताबों में
कभी सोचा मिले ख्वाबों में
तू मिलता नहीं ढूँढने से कहीँ
क्यों रहता है हिजाबों में

सीख़ रही हूँ जो सिखा दे
कोई तो राह ए इश्क़ बता दे
किस गली में रहता है यार मेरा
कोई तो उसका पता बता दे

हाँ सीख रही हूँ तुझसे
मोहबत के कुछ असूल
और तड़प देना भी
तेरी अदा ही है प्यारे

तुझे खोजा कभी किताबों में
कभी सोचा मिले ख्वाबों में
तू मिलता नहीं ढूँढने से कहीँ
क्यों रहता है हिजाबों में

तेरे कूचे में आने को बेताब हूँ मैं
छिप जाओ या और पर्दानशीन हो जाओ
कहीँ खोज ना लें रोती आँखें तुमको
कहीँ तुम ना गमगीन हो जाओ

लाख लाख रख लो पर्दे मुझसे
छिप जाओ लाख तुम मेरे साहिब
उस सदा को रोकोगे बताओ कैसे
जो तेरे दिल से मुझे सुनाई दी

बोलो तो क्यों आवाज़ देते हो मुझे
क्यों मुझे बार बार बुलाते हो
क्यों चैन छीन चुके हो मेरा
क्यों घड़ी घड़ी मुझे रुलाते हो

ये कैसा इश्क़ है साहिब
के सब दर्द मेरे हिस्से में हैँ
तेरा भी कोई हिस्सा होता होगा
तू मेरे हिस्से की ख़ुशी रखले

दिल में तेरे कोई ना दर्द रहे
हो तो आज मुझे सारे दे दे
नहीं आएं कभी अश्क़ तेरी आँखों में
मैं डूब जाऊँ तू मेरे किनारे ले ले

तू हमेशा मुस्कुराते ही रहना
तेरे अश्क़ मेरे लिए सज़ा हैँ प्यारे
तू खुश रहे और आबाद रहे
तभी मुझे इश्क़ का मज़ा प्यारे

मत रोकना मुझे टूट कर बिखरने दो
अपने इस इश्क़ में थोडा सवरने दो
बिछ जाऊं कदमों में तेरे कुछ
ऐसे
की ख़ाक बनकर ही मुझे लिपटने दो

मत रोकना मुझे टूट कर बिखरने दो
अपने इस इश्क़ में थोडा सवरने दो
बिछ जाऊं कदमों में तेरे कुछ ऐसे
की ख़ाक बनकर ही मुझे लिपटने दो

अजीब से हाल में जिन्दा हैँ
कुछ होश में कुछ मदहोश हूँ
बेपरवाह सी जी रही हूँ क्यों
लगता है अब तेरे आगोश हूँ

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