तेरी मोहबत
तेरी मोहबत है ज़िन्दगी मेरी
बिना तुम्हारे जी कैसे पाऊँ
तुम्हीं सुनो हाल ए दिल मेरा
और कहो अब किसे सुनाऊँ
रहूँ तेरे आगोश में हर पल
यही सनम है मेरी तम्मना
नहीं लौटाना मुझे तुम यूँ ही
हाय अब कैसे लौट पाऊँ
तुम्हीं सुनो.........
मुझे सिर्फ है तेरी कशिश ही
और नहीं कोई मेरी हसरत
सम्भालो मुझको हूँ मैं तुम्हारी
बेचैन हूँ अब सम्भल ना पाऊँ
तुम्हीं सुनो.........
मेरी बेताब हसरतों को देखो
नहीं सुकून एक पल भी मुझको
मिलो जो तुम तो सुकून आए
नहीं तुम्हारे बिन अब जी पाऊँ
तुम्हीं सुनो..........,
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