जैसो इच्छा हो ममस्वामिनि
जैसो इच्छा हो मम स्वामिनी
वैसो अब राखो मोहे
चरण कमल में वास अब दीजो
विनय करूँ लाडली तोहे
निज चरणन अभिलाष देयो
चरणन राखो स्वामिनी मोय
तेरी ठौर है मेरो स्वामिनी
नहीं और ठौर अब मोय
तेरो सुख होय स्वामिनी
मैं निरख निरख सुख पाऊँ
लाल लाडली चरण नेह मेरो
युगल सेवा को ही चाहूँ
सेवा अभिमान नहीं दीजो लाडली
तेरो सेवा में सुख पाऊँ
तेरो चरणन रति होय स्वामिनी
तेरो ही जस गाऊँ
तेरो जस किस विधि गाऊँ
अटपट मेरो वाणी होय
लाडली तेरी कृपा ते ही
बनत रही बिगरी मोय
Comments
Post a Comment