कौन जन्म को बदरा
कौन जन्म को बदला दियो निकार
नन्दनन्दन मोहे दियो बिसार
जा कहो झूठो होय मेरो नेह
तव चरणन माँहि उपज्यो ना स्नेह
सुन लीजो मेरी व्यथा मुरार
कौन जन्म को बदला .....
पीयू पीयू बाँवरी रटे रैन दिन
अकुलावे पिया तेरे दरस बिन
मोहन तुम ही मेरो प्राण आधार
कौन जन्म को बदला.......
तुमसों ही झगरों तुम सों प्रीति
जानूँ ना प्रेम की अटपट रीति
तुम बिनहुँ जीवन लगे मोहे खार
कौन जन्म को बदला दियो निकार
नन्दनन्दन मोहे दियो बिसार
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