रातों को जाग जाग

रातों को जाग जाग कर रोएँ तेरे दीवाने
दर्द अश्क़ और आहें तेरे इश्क़ की नज़राने

दिल में है दर्द कितना आकर देख ले तू
बहते हैँ अश्क़ मेरे अब छलके हैँ पैमाने
रातों को जाग जाग .......

हमको कहाँ थी फुर्सत तेरे ही ख्याल थे बस
पी रहे थे जाम भर भर तूने भर दिए मयखाने
रातों को जाग जाग ........

कैसा अजब है इश्क़ तेरा जो भुलाये अब न भूले
तुम बन गए हो शमा हम बन गए परवाने
रातों को जाग जाग कर रोएँ तेरे दीवाने
दर्द अश्क़ और आहें तेरे इश्क़ के नज़राने

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