इश्क़ करते हैं आपसे
इश्क़ करते हैँ आपसे और कुछ नहीं हम कर सकते
चौखट तेरी ही ज़िन्दगी और ना कहीं पर मर सकते
ये भी तेरी इनायत है जो तुमने इतना इश्क़ किया
देने को क्या पास मेरे मोहन तुमने है इतना दिया
तेरे इश्क़ में गिरफ्तार हैँ अब ना किसी से डर सकते
इश्क़ करते हैँ आपसे और कुछ नहीं हम कर सकते
चौखट तेरी जी ज़िन्दगी और ना कहीं पर मर सकते
तेरे ख्यालों में ही गुज़रें मेरी तमाम सुबह रातें
नहीं कुछ जुबान से निकले बस साहिब तेरी ही बातें
तेरी ही गली में जीना है और हम ना कहीं गुज़र सकते
इश्क़ करते हैँ आपसे और कुछ नहीं हम कर सकते
चौखट तेरी जी ज़िन्दगी और ना कहीं पर मर सकते
मुझे अपने इश्क़ वाला कुछ ऐसा जूनून देना
तुझपर फ़नाह हो सकूँ तब मुझको सुकून देना
तेरे नाम मेरी ज़िन्दगी नहीं इस बात से मुकर सकते
इश्क़ करते हैँ आपसे और कुछ नहीं हम कर सकते
चौखट तेरी जी ज़िन्दगी और ना कहीं पर मर सकते
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