नाथ मेरो कौन घड़ी घर
नाथ मेरो !
कौन घड़ी घर आवे हो
व्याकुल हिय की पीडा भारी कौन सों टेर सुनावे हो
नाथ मेरो ......
विरह सूल उतरयो हिय भीतर क्षण क्षण को अकुलावे हो
नाथ मेरो ........
तेरो मेरो प्रीत जन्म की मोहे दियो भुलावे हो
नाथ मेरो .........
रैन दिवस निरखूँ बाट तिहारी काहे हिय तरसावे हो
नाथ मेरो ..........
तुम बिन देह प्राण ना धरिहो इक इक स्वास् काहे आवे हो
नाथ मेरो !
कौन घड़ी घर आवे हो
व्याकुल हिय की पीडा भारी कौन सों टेर सुनावे हो
नाथ मेरो ......
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