तेरे इश्क़ में गम भी हसीं लगता है
तेरे इश्क़ में गम भी हसीँ लगता है
तेरी चौखट के बिना दिल ना कहीं लगता है
मुझको तो अब तलक इश्क़ ना हुआ है
तेरी मोहबत ने इस रूह को छुआ है
तेरी मोहबत पर मुझको यकीं लगता है
तेरे इश्क़ में .......
तेरे बिन ज़िन्दगी सुलगती है मेरी
तुम जानते हो अब क्या हालत है मेरी
दिल मेरा गम की ज़मीं लगता है
तेरे इश्क़ में ......
दिखाऊँ किसे मैं इस रूह के छाले
कौन है मेरे यहाँ दर्द सुनने वाले
हर शख़्स ही मुझे ग़मगीन लगता है
तेरे इश्क़ में गम भी हसीँ लगता है
तेरी चौखट के बिना दिल ना कहीँ लगता है
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