सखी री मेरे पिया बसे परदेस
सखी री मेरे पिया बसे परदेस
हाय कोऊ कागा सों कहिहो लेह जावो संदेस
सखी री ......
पिय बिन मेरो हिय दुखारी
बिरहन रोय रोय दशा बिगारी
अबहुँ आवो पिया सुधि लीजो काटो मेरो कलेस
सखी री .......
कौन सो देव मनाऊँ सखी री
कासों विरह व्यथा सुनाऊँ सखी री
पिया बिन जर मरूँ सखी री देह प्राण ना राखे सेस
सखी री ............
जोगनिया मैं अपने पिय की
विरह कहूँ सखी अपने हिय की
पुनि पुनि उठूँ मग जोवत हिय मेरो अंदेस
सखी री मेरे पिया बसे परदेस
हाय कोऊ कागा सों कहिहो लेह जावो संदेस
सखी री ......
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