आज की रात हो

आज की रात हो मेरे कत्ल की रात
आ महबूब मेरे आज मुझको फनाह करना

नहीं ये दर्द ए जुदाई सहा जाता मुझसे
मिटा दो आज मुझे ऐसे कुछ तबाह करना
आज की रात .......

या तो अश्कों के समन्दर में डुबोना मुझको
तुम मुझे आज की रात मुझसे जुदा करना
आज की रात .....

हूँ खतावार फ़ितरत में बस खतायें मेरी
है बड़ी आदत ये पुरानी मेरी गुनाह करना
आज की रात .......

मौत ही दे दो मुझे या ख़ामोश करदो मुझे
कुछ न कुछ आज तुम मेरे ख़ुदा करना
आज की रात हो मेरे कत्ल की रात
आ महबूब मेरे आज मुझको फनाह करना

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