तेरे इश्क़ की खुमारी
तेरा इश्क़ तेरी खुमारी तेरा ही नशा है
दिल को चुराना ही प्यारे तेरी अदा है
एक बार जिसने छू लिया तेरी चौखट को
सब कुछ भुलाया उसने तेरा ही बस हुआ है
अब इस रूह को तेरे नाम कर दिया हमने
जो है बाक़ी यहां वो भी तेरा ही दिया है
यूँ तो कबसे ज़िन्दा थी मुझमें मैं भी मेरी
जाने अब कौन रहता है जबसे तुझसे दिल लगा है
वही हम हैँ वही दुनिया नज़र सी कुछ बदल गयी
इस जुबान ने जबसे तेरे इश्क़ को चखा है
कहाँ तक कहूँ तेरी मोहबतों के किस्से मैं
लफ्ज़ कम हो गए हैँ जब से इसे जिया है
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