तुम ही खामोश करदो
तुम ही खामोश करदो अब और कोई आरज़ू न रहे
ना ग़र तेरी ज़ुस्तज़ु हो तो कोई ज़ुस्तज़ु ना रहे
मिल जाओ इस क़दर कि तुझमें मुझमें फ़र्क ना हो
मेरी मैं ना रहे बाक़ी और तेरी तू ना रहे
तुम ही खामोश करदो.....
सिर्फ़ तेरा ही एहसास हो मुझको ऐसा इश्क़ हो
मेरी नज़र के सामने और कोई जादू ना रहे
तुम ही खामोश कर दो....
नशा हो तेरी मोहबत का साहिब इस क़दर मुझपर
बनकर रगों में जो दौड़े बाक़ी लहू ना रहे
तुम ही खामोश कर दो.....
तेरी पनाहों में सिमटने की हसरत है मेरी
ख़ामोश हो जाऊँ अब मैं कोई गुफ़्तगू ना रहे
तुम ही खामोश कर दो......
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