मेरे दिल की हसरत

मेरे दिल की ये हसरत है तुमसे दिल लगाने की
मेरी सरकार वृन्दावन बसा लोगे तो क्या होगा
मेरे दिल की .....

नहीं रहना इस दुनिया में ये बेगानी सी लगती है
मुझे इक बार कदमों में बिठा लोगे तो क्या होगा
मेरे दिल की ......

नहीं मुझमें मैं रहूँ बाक़ी कुछ ऐसी बेखुदी दे दो
कभी मुझको ऐसे तुम चुरा लोगे तो क्या होगा
मेरे दिल की .......

हूँ ज़िन्दा ग़र वजह तुम हो नहीं तो साँसें चलती ना
मुझे अपनी चौखट पर बिठा लोगे तो क्या होगा
मेरे दिल की .......

लगाया दिल इस दुनिया से तो साहिब कुछ नहीं पाया
मेरी आँखों में सपनों सा समा लोगे तो क्या होगा
मेरे दिल की ......

ये रूह अब तो तुम्हारी है तुम्हीं हो आशिकी मेरी
मेरे बेताब दिल को तुम बहला लोगे तो क्या होगा
मेरे दिल की  ये हसरत है तुमसे दिल लगाने की
मेरी सरकार वृन्दावन बसा लोगे तो क्या होगा

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