है अजब इश्क़ तेरा
है अजब इश्क़ तेरा
है अजब तेरी मोहबत
तूने जो मुझको चाहा
तो मुझे मिली ये चाहत
नज़रों से ऐसे देखा
घायल हो चुके हम
तेरी चौखट पर पड़े हैँ
और कहाँ जाएँ हम
तू ही मेरी इबादत
तू ही मेरा ठिकाना
तेरे संग मुझको रहना
अब और कहाँ जाना
तूने मोहबतों में हमको
दीवाना कर दिया है
हमने भी दिल अपना
नज़राना कर दिया है
अब तू मेरी मोहबत
तू ही मेरी ज़िन्दगी है
तुझसे ही इश्क़ करना
साहिब मेरी बन्दगी है
मैंने कहाँ देखी साहिब
है अजब तेरी मोहबत
अब लफ्ज़ ही नहीँ हैं
कैसे बयाँ हो उल्फ़त
है अजब इश्क़ तेरा
है अजब इश्क़ तेरा
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