मैं जनेया प्रेम जगत को

मैं जानेया प्रेम जगत को ,गिरधर सों न लगाई जी

नाम नहीं कभी हरि तेरो गाया, बिरथा जन्म गमाई जी

जगत को झूठो धन ही जोड़यो,नहीं कीन्हीं नाम कमाई जी

माया के वश हृदय भरमाया,तुमको रही भुलाई जी

नाव कैसे निकले भँवर सों , ना देते बनत चुकाई जी

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