हैं इनायतें सनम तेरी

हैं इनायतें सनम तेरी तेरा इश्क़ ही जिया है
ग़र तू न रूबरू हो तो इसमें मेरी खता है

अब शौक हो चला है इस दिल का दर्द पीना
है कबूल हर दर्द वो मुझको जो भी मिला है
हैं इनायतें ......

मेरी ज़िन्दगी ग़ुज़र जाये बस तुमको ही बुलाते
तू ही मेरा सनम है तू ही मेरा ख़ुदा है
हैं इनायतें .......

जो कलम है मेरी लिखती ये भी तेरी ही मर्ज़ी
मेरा मुझमें कुछ नहीं अब जो है तेरी रज़ा है
हैँ इनायतें ......

दिल में जो बह रहा है सांसों में जो घुला है
तू ही तू अब सनम है और इश्क़ ही तेरा है
हैँ इनायतें ......

ग़र तुझको न इश्क़ होता तो मुझे न प्यास होती
तू पिला रहा है जाम जो भी मैंने पिया है
हैँ इनायतें सनम तेरी तेरा इश्क़ ही जिया है
ग़र तू न रूबरू हो इसमें मेरी खता है

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