दर्द ए बेकरारी
दर्द ए बेकरारी मेरे कम न कीजिए
मेरी बस यही तमन्ना मुझे फनाह कीजिए
जो तुम नहीं मेरे तो किस कम की है जन्नत
मुझको अपने दिल में थोड़ी जगह दीजिए
दर्द ए बेकरारी .......
रग रग में बस तपिश हो कुछ ऐसे दर्द देना
रहे ना मेरा वजूद बाक़ी यूँ सब मिटा दीजिए
दर्द ए बेकरारी .......
चाहे जितने सितम करले मुझपर ये ज़माना
तेरी याद रहे दिल में ये दुआ दीजिए
दर्द ए बेकरारी .......
तेरे इश्क़ में ही जी लूँ मैं सारे दर्द पी लूँ
मेरे दिल के जख्मों की ना दवा कीजिए
दर्द ए बेकरारी .......
अब मुझे दर्द पीने का शौक लग गया है
हर दर्द कम लगे है चाहे जितना दीजिए
दर्द ए बेकरारी .......
हूँ बेवफा मैं साहिब मुझको वफ़ा ना आई
मुझको मेरी गुस्ताखी की सज़ा दीजिए
दर्द ए बेकरारी मेरे कम न कीजिए
मेरी बस यही तमन्ना मुझे फनाह कीजिए
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