तेरा इश्क़ है अजब
तेरा इश्क़ है अजब और अजब सी खुमारी है
बढ़ती ही जाती है कैसी ये बेकरारी है
देख तेरी तस्वीर ही मेरे होश उडे जाते है
जाने अब किस रुख की तेरी तयारी है
तेरा इश्क़ है अजब ......
बाँहों में तेरी टूटकर बिखरने को बेताब हूँ
देख तेरे इश्क़ में महकी कायनात सारी है
तेरा इश्क़ है अजब ......
जाने क्यों दिल पर अब इख्तयार न रहा
तीर सी चुभी दिल में ऐसी नज़र मारी है
तेरा इश्क़ है अजब और अजब्सि खुमारी है
बढ़ती ही जाती है कैसी ये बेकरारी है
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