तुम बिन बिगरी कौन संवारे

तुम बिन बिगरी कौन सँवारो
नाम तेरो होय पतित उधारण कोटि अधमन तारो
तुम बिन बिगरी कौन सँवारो

रसना नाम तेरो रटे निरन्तर
हाथ पकरि मोहे भाव ते निकारो
तुम बिन बिगरी कौन सँवारो

तुम अंतर कबहुँ ना कीन्हो
पात्र कुपात्र तुम कबहुँ विचारो
तुम बिन बिगरी कौन सँवारो

करूँ विनती जुगल चरणन माँहिं
सेवा लगाय मेरो जीवन सुधारो
तुम बिन बिगरी कौन सँवारो

कीजो चाकर अबहुँ प्रियालाल मोहे
सेवा करूँ नित जाऊँ बलिहारो
तुम बिन बिगरी कौन सँवारो
नाम तेरो होय पतित उधारण कोटि अधमन तारो
तुम बिन बिगरी कौन सँवारो

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