घुंघरू 4

4

    श्री जू की नुपुर का आह्लाद सब मणि माणिक मोतियों में उतर रहा है। पर ये घुंघरू तो विचित्र सा है। सभी घुंघरू मणि माणिक तो नुपुर के अनुरूप श्री जू के सुख साधन में लगे हैँ। सब अपनी सुख वांछा भूल श्री चरणों में समर्पित हो चुके हैँ। ये घुंघरू तो अहंकारी हो गया है। स्व भाव से अभी तक छूटा ही नहीं । नुपुर ने गलत घुंघरू चयन कर लिया है ये घुँघरू श्री चरणों के न तो योग्य है न ही उनका सुख साधन कभी बन पाया। ये घुँघरू नुपुर मे रहने योग्य नहीं है। सभी मोती माणिक तो अमूल्य हैं जो श्री चरणों के सानिध्य में हैँ। नुपुर ने बहुत प्रयत्न तो कियाइस घुंघरू को सम्भालने हेतु। पर यह घुंघरू नुपुर से छिटक गया।

मैं हूँ इक टूटा सा घुंघरू जाने कब बिखर गया
जो करीब रहे तेरे उनका ही जीवन निखर गया

नहीं अब तुम मुझको ढूंढना बर्बाद ही रहने दो
यूँ ही फिरूँ मैं बेपता आज़ाद ही रहने दो
क्योंकि फिर पड़ेगा ढूंढना जाने किधर गया
मैं हूँ इक टूटा सा घुंघरू जाने कब बिखर गया
जो करीब रहे तेरे उनका ही जीवन निखर गया

मेरा तुझसे दूर रहना ही नसीब हो गया
जो कोई था तेरा अपना वो करीब हो गया
और बदनसीब कोई जिंदगी बेकार कर गया
मैं हूँ इक टूटा सा घुंघरू जाने कब बिखर गया
जो करीब रहे तेरे उनका ही जीवन निखर गया

चलो जो भी है कुबूल है मेरा काम दर्द देना
अच्छा हो तन्हाई रहे किसकी का दर्द बने ना
था नशा और गुरूर भी कबसे उतर गया
मैं हूँ इक टूटा सा घुंघरू जाने कब बिखर गया
जो करीब रहे तेरे उनका ही जीवन निखर गया

   अब घुँघरू के मन की पीड़ा कौन कहे। नुपुर से जुड़े सभी मणि मोती घुंघरू भी इसको जोड़ने का प्रयत्न किये पर जिस वस्तु में जड़त्व का भारी पन हो वह किसी की सुख साधना में सदैव असफल ही रहता है। आज इस घुँघरू की यही दशा है। जहाँ मन में विषय विकार भरे हों वहां सेवा भाव कैसे हो सकता है।

    कभी जीव की ईश्वर चरणों से जुड़ने की सच्ची उत्कण्ठा हो तो ईश्वरीय शक्ति सदैव उसके साथ ही रहती है। इस घुंघरू की प्रेम रुपी डोरी इतनी दृढ़ नहीं हो सकी जो नुपुर में जुड़ श्री चरणों का स्पर्श प्राप्त करता रहता। न तो इसने कभी नुपुर का प्रेम देखा न ही कभी संग जुड़े मोती माणिक घुंघरुओं का।

प्रेम विहीना मति हीना

सत्य ही तो है। प्रेम के बिना कोई कैसे जुड़ सकता है। जब तक घुंघरू के हृदय में सच्चा प्रेम सच्चा समर्पण ही नहीं हुआ नुपुर से कैसे जुड़ेगा। इसमें नुपुर का कोई दोष नहीं । हाँ नुपुर से अयोग्य घुँघरू का चयन हो गया है। अभी इस घुंघरू की कहीं ठौर नहीं है

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