पोरी पोरी कटवाओ जी
पोरि पोरि कटवाओ जी म्हारा पिया की आस न छूटे
जग रूठे तो सब रूठे जी साँवल मेरा ना रूठे
पिया पिया कह फिरूँ बाँवरी पिया आवन की आस
देह तपे पर प्राण ना छूटे हाय कठिन हुआ इक स्वास्
पिया तुम गयो दूर देस माँहि व्याकुल तेरी बाँवरिया
कौन संग हिय की बात करूँ मोहे कौन सुनावे बाँसुरिया
आवो पिया जी देर ना कीजो देर भई बहुतेरी
प्राण कण्ठ लिए बैठी है साँवल बाँवरिया तेरी
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