हमें और दर्द देना
हम और दर्द देना नहीं इतने से अब गुज़ारा
इक बार इश्क़ कर बैठे हैँ अब होगा नहीं दुबारा
हमें जितने भी दर्द दे दो उफ़ तक नहीं करेंगें
ज़िन्दा हैँ तेरी चौखट पर तेरी चौखट पर ही मारेंगें
डूबें इस इश्क़ के समन्दर में ढूंढें नहीं किनारा
हम और दर्द देना नहीं इतने से अब गुज़ारा
इक बार इश्क़ कर बैठे हैँ अब होगा नहीं दुबारा
तेरे दर्द के सिवा कोई इस दिल को दर्द ना रहे
तेरा इश्क़ बहे रगों में चाहे लहू भी ना रहे
अब तेरे बिना कौन है साहिब मेरा सहारा
हम और दर्द देना नहीं इतने से अब गुज़ारा
इक बार इश्क़ कर बैठे हैँ अब होगा नहीं दुबारा
लाखों हैं चाहे गुनाह मेरे झूठा है इश्क़ मेरा
पल भी नहीं भूलता पर साहिब ख्याल तेरा
दुनिया लगे बेगानी ये इक तू ही लगे प्यारा
हम और दर्द देना नहीं इतने से अब गुज़ारा
इक बार इश्क़ कर बैठे हैँ अब होगा नहीं दुबारा
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