सखी री नन्दनन्दन दीन्हीं बिसार

सखी री नन्दनन्दन दीन्हीं बिसार
हाय स्याम हाय स्याम रटूं
मिलिहौं न नन्द मुरार

पीर उठे हिय मेरो जलावे
प्रियतम कौन घड़ी मेरो आवे
बिरहन तेरी रैन दिन रोवे खारी लगे संसार
सखी री नन्दनन्दन दीन्हीं बिसार

पिया बिन सुनो होय मेरो जीवन
हाय स्याम तुम मेरो प्राणधन
क्षण क्षण हिय में पीर उठे हाय लीन्हीं ना मेरो सार
सखी री नन्दनन्दन दीन्हीं बिसार

प्राण रहे अटके मेरो पिय बिन
तड़पूँ ज्यूँ जल बिन मीन रैन दिन
नटवर नागर मेरो साँवरिया तुम मेरो गिरधार
सखी री नन्दनन्दन दीन्हीं बिसार
हाय स्याम हाय स्याम रटूँ मैं
मिलिहौं न नन्दकुमार

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