अवध में आज बधाई
अवध में आज बधाई बाजे
आज घर राम आये हैं
आज घर राम आये हैँ
अवध में आज बधाई बाजे
आज घर राम .......
चौदह बरस बनवास काटकर
रावण को भेज मृत्यु घाट पर
विभीषण लंका पुरी साजे
आज घर राम आये हैं
अवध में आज बधाई बाजे
आज घर राम .........
शबरी के जूठे बेर भी पाये
चरणों छुआ अहिल्या तार आये
आज आन अवध विराजे
आज घर राम आये हैँ
अवध में आज बधाई बाजे
आज घर राम .........
मेरे घर प्रभु इक बारी आना
मन से कल्मष दूर हटाना
देखूँ कब सिया संग विराजे
आज घर राम आये हैँ
अवध में आज बधाई बाजे
आज घर राम आये हैं
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