कौन सो मुख ते कहिहो

कौन सो मुख ते कहिहो श्यामा मैं हूँ दासी तेरी !
अवगुण की मैं खान स्वामिनी विनती सुनियो मेरी !!

सेवाहीन अधमा गुणहीना कैसो मुख अपनो दिखाऊँ !
जप तप साधन बल ना मोपे कैसो युगल रिझाऊँ !!

हिय अकुलाये तुम बिन मेरो हा हा श्यामा किशोरी !
मेरो अवगुण नाँहि बिचारो अबहुँ सुधि लीजो मोरी !!

बाँह पकर रख लीजो स्वामिनी भँवर में डोले मेरो नैया !
अबहुँ लाडली प्राण हर लीजो मेरो जो तुम्हीं ना होय खिवैया !!

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