मुझ अधम का नहीं

मुझ अधम का नहीं कोई और
लाडली !
तुम ही मेरी ठौर
किशोरी !
तुम ही मेरी ठौर

तुम्हरे बिन मेरो जीवन अँधेरा
कर दो किशोरी नया सवेरा
काल रात्रि कटे जीवन की प्रेम मई हो भोर
किशोरी !
तुम ही मेरी ठौर

राधे किशोरी तुम ही धन मेरा
चरणों में रहे सदा मन मेरा
हृदय में मेरे नित्य विराजो संग नन्दकिशोर
किशोरी !
तुम ही मेरी ठौर

किस विधि श्यामा तुम्हें रिझाऊँ
नहीं कोई बल जो तेरे गुण गाऊँ
रसना पर नाम रहे तेरा ही तेरे प्रेम में रहूँ विभोर
किशोरी !
तुम ही मेरी ठौर

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