भजन विहीना मैं मतिहीना

भजन विहीना मैं मतिहीना कैसो युगल मनावुं !
कोऊ विधि जानूँ नहीं सखी री कैसो युगल रिझावुं !!

जप तप भजन और साधन हीना कोऊ बल ना होय !
मुझ अधमन पर किरपा कीजो विनय करूँ जोरि कर दोय !!

तुम बिन कौन मेरो युगलवर किसको अबहुँ पुकारूँ !
राह तकत मेरो नैन दुखे अबहुँ श्यामाश्याम पुकारूँ !!

काटो कल्मष भव बन्धन अबहुँ आन मिलो मेरो प्राणधन !
बीत चली मेरी उमरिया तुम बिन व्यर्थ हुआ सकल जीवन !!

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