भज मन श्यामाश्याम
भज मन मेरे एक ही नाम श्यामाश्याम श्यामाश्याम
युगल चरण में ही पा विश्राम श्यामाश्याम श्यामाश्याम
तेरा अपना क्या है बन्दे
छोड़ जगत के गोरख धन्दे
जप ले तू एक नाम श्यामाश्याम श्यामाश्याम
मन को अपने पावन करले
युगल नाम धन संचय करले
जपता रह यही सुबह शाम श्यामाश्याम श्यामाश्याम
अभी सम्भल जा बहुत गवाया
जन्मों जन्मों तूने हरि भुलाया
रसना रट ले आठो याम श्यामाश्याम श्यामाश्याम
जप ले मनवा ये जगत बेगाना
बारी बारी ही सबको है जाना
मिले युगल चरणों में ही विश्राम श्यामाश्याम श्यामाश्याम
भज मन मेरे एक ही नाम श्यामाश्याम श्यामाश्याम
युगल चरण में ही पा विश्राम श्यामाश्याम श्यामाश्याम
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