तुम मेरो सुधि लेवन वारी

तुम मेरो सुधि लेवन वारी ओर किसे पुकारूँ !
अबहुँ आवे अबहुँ आवे किशोरी तेरो बाट निहारूँ !!

हिय सो लिपटे रह्यो भुजंग ऐसो पीर होय भारी !
टेर सुनो स्वामिनी मेरो काहे दीन्हीं मोहे बिसारी !!

कैसो भी मैं होऊं किशोरी मोपे कछु गुण ना कोय !
हूँ अयोग्य अधमा मतिहीना इक आस तिहारो होय !!

अबहुँ विलम्ब ना कीजौ लाडली बिरह तेरो कैसो जरूँ !
दोय करि जोरि किशोरी श्यामा पुनः पुनः मनुहार करूँ !!

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