कितहुँ होय मेरे श्यामाश्याम
कितहुँ होय मेरे श्यामाश्याम हाय हिय मेरो अकुलावे !
आय मिलो जुगल जोरि अबहुँ प्राण ना मेरो जावे !!
श्यामाश्याम श्यामाश्याम रटूँ मैं लीजो अबहुँ सुधि आन !
मेरा प्रेम ही झूठा होय ना होय साचो गुणगान !!
कुटिल कपटी अधम मतिहीना तुम बिन और ना कोय !
कैसो भी मेरो नेह होय मेरे युगल तुम्हीं सों होय !!
अबहुँ और विलम्ब ना कीजौ नित नित मैं अकुलाऊँ !
छोड़ तिहारा द्वार युगलवर और कितहुँ मैं जाऊँ !!
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