नेक सो कारो
नेक सों सांवरो कारी कमरी वारो ।
निरख सखी सुरतिया गई सुधि हारो ।।
हाथन सों बंसी धारे मोटे मोटे नैन ।
निरख निरख सुख पाऊँ सखी दिन रैन ।।
पगरी शीश धरी सखी हिय मेरो चुरावे ।
रैन दिवस नाँहि देखे बांसुरी बजावे ।।
गरवा माँहि डार लीजो माल फूलन वारी।
साँवरे तेरी सुरतिया पर जाऊँ मैं बलिहारी ।।
Comments
Post a Comment