ओ यार यार तुझे सजदा
मेरा इश्क़ भी तू
तू ही मेरा जूनून
तू ही मेरा सुकून
सजदा तुझे सजदा
ओ यार यार तुझे सजदा
है काशी और मदीना तू
मेरा अनमोल नगीना तू
जहां जहां मेरी नज़र उठे
है नज़र मेरी का ही पर्दा
सजदा तुझे सजदा
ओ यार यार तुझे सजदा
मेरे गीत और ग़ज़ल भी तू
मन्दिर मस्ज़िद महल भी तू
रमता है इस कायनात तू
हर शै में है तेरा ही जलवा
सजदा तुझे सजदा
ओ यार यार तुझे सजदा
है गीता और कुरान भी तू
मेरा है सारा जहान ही तू
इस नज़र से पढ़ती हूँ तुमको
तू ही है मेरा अब कलमा
सजदा तुझे सजदा
ओ यार यार तुझे सजदा
मेरा इश्क़ भी तू
तू ही मेरा जूनून
तू ही मेरा सुकून
सजदा तुझे सजदा
ओ यार यार तुझे सजदा
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