मुझको तेरे इश्क़ ने
मुझको तेरे इश्क़ ने दीवाना कर दिया
ये दिल तेरा ही था तुझे नज़राना कर दिया
मेरा मुझमें क्या बचा जो कहूँ अब मेरा
तेरी थी तेरी हूँ सदा जो भी है सब तेरा
तेरा तुझको सौंप कर शुक्राना कर दिया
मुझको तेरे इश्क़ ने.......
ये भी तेरी है रहमत ये भी तेरी है इनायत
नहीं कभी काबिल इतनी जो करूँ तुमसे मोहबत
मुझको अपना कर दुनिया से अनजाना कर दिया
मुझको तेरे इश्क़ ने ........
तेरे इश्क़ ने सिखाये ज़िन्दगी के नए माने
झूमूँ तेरे इश्क़ की मस्ती में गाती रहूँ तराने
मुझको मुझसे आपनेे बेगाना कर दिया
मुझको तेरे इश्क़ ने ......
होकर तेरे मयखाने से अब झूमते हैँ हम
बनकर दीवाने गलियों में तेरी घूमते हैँ हम
अपने इश्क़ का आपने मयखाना कर दिया
मुझको तेरे इश्क़ ने दीवाना कर दिया
ये दिल तेरा ही था तुझे नज़राना कर दिया
Comments
Post a Comment