जान ले लीजिये
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे
मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करें
ये अश्क़ ही तो मेरी ज़िन्दगी की दौलत हैँ
रहने दें इनको मेरी ज़िन्दगी वीरां न करें
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे
मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करें
डूबने दीजिये हमें इश्क़ के समन्दर में
प्यासे छोड़ हमें दिल में यूँ तूफां न करें
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे
मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करें
हम समझधार थे जब तलक न था इश्क़ हुआ
यूँ हमें बेखुद सा पगला नादां न करें
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे
मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करें
मुद्दतों से तेरे इंतज़ार में हम तरसे हैं
बस तड़प दीजिये और कुछ भी मेहरबां न करें
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे
मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करे
दिल से जाये न कभी प्यास तेरे मयखाने की
नज़रों से दूर मुझे मेरे निगहबां ना करें
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे
मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करे
तू ग़र करे तो तेरे जुल्म भी क़ुबूल मुझे
दिल को खंडहर ही रहनें दें कभी मकां न करें
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे
मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करे
आपकी याद पल पल जलाती रहे मुझको
वो भी क्या इश्क़ जो महबूब पर रूह क़ुर्बान न करे
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे
मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करे
याद में आपकी ही खोया रहे ये दिल मेरा
भूल कर कोई और भी ज़िक्र ये जुबां न करे
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे
मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करे
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