नीलाम्बर बनूँ श्यामा मैं तेरो
नीलाम्बर बनूँ श्यामा मैं तेरो करत रहूँ तेरो आलिंगन
राधे करूँ श्रृंगार तेरो लिपटूँ मैं नुपुर बन चरणन
जावक बन रचूँ अंग अंग तेरो श्यामा मेरो रंग रंगोगी
बसत हूँ हिय माँहि तेरो प्रियतमा नित्य ही संग रहोगी
नित्य नवल संयोग प्राणप्रिया ऐसो नेह प्राणप्यारी
अंग संग रह्यो मेरो श्यामा प्रेम ऐसो होय सुकुमारी
ऐसो मिलत कबहुँ ना बिछरत ऐसो होय नित्य संयोग
पुनः पुनः आस्वादन नव प्रीति वियोग में होय रह्यो संयोग
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