लाख बार समझाया दिल को हसरत ना कर बेताब ना हो उनको आना हो आ जायेंगे तू बांवरे विश्वास ना खो दिल बोले उनको आना है पर मुझमे सब्र ज़रा कम है है देर लगी कुछ आने में तभी तो आँख मेरी नम ...
मोहे वृन्दावन ही बुलाय लीजो बड़ी देर भई तेरे आने में श्यामा मैं बाट निहार रही मोहे रख लीजो बरसाने में कितने कितने दिन बीत गए श्यामा अब दर पे बुला लीजो होरी फागुन भी बीत चला इ...
कब खत्म होंगे सिलसिले ये तन्हाई के दिन बताओ कैसे बीतें तेरी ही रुसवाई के कितना दर्द सहेगा ये दिल टूट रहा है अब आओ तनहा कटती नहीं ज़िन्दगी ऐसे और ना तड़पाओ मुमकिन नहीं तुम बिन ज...
आओ सनम अब आ भी जाओ कैसे हम जी पाएंगे तेरे बिना यूँ जीना ज़हर है कैसे हम पी पाएंगे दर्द बढ़ा जाता है हर पल जख्म हमारे बहते हैं लब पर लफ्ज़ नहीं आते हैं अश्क़ हमारे कहते हैं बिखरा हु...
कब खत्म होंगे सिलसिले ये तन्हाई के दिन बताओ कैसे बीतें तेरी ही रुसवाई के कितना दर्द सहेगा ये दिल टूट रहा है अब आओ तनहा कटती नहीं ज़िन्दगी ऐसे और ना तड़पाओ मुमकिन नहीं तुम बिन ज...
आओ सनम अब आ भी जाओ कैसे हम जी पाएंगे तेरे बिना यूँ जीना ज़हर है कैसे हम पी पाएंगे दर्द बढ़ा जाता है हर पल जख्म हमारे बहते हैं लब पर लफ्ज़ नहीं आते हैं अश्क़ हमारे कहते हैं बिखरा हु...
आओ सनम अब आ भी जाओ कैसे हम जी पाएंगे तेरे बिना यूँ जीना ज़हर है कैसे हम पी पाएंगे दर्द बढ़ा जाता है हर पल जख्म हमारे बहते हैं लब पर लफ्ज़ नहीं आते हैं अश्क़ हमारे कहते हैं बिखरा हु...
वक़्त गुज़रता जाता है मेरे दिल का दर्द नहीं जाता क्यों इतने बेदर्द सनम क्यों तुमसे देखा जाता इक पल भी ना चैन मुझे है हाय क्यों ये इश्क़ किया दे दी सारी नींदे तुमको बदले में है दर...
तेरी थी ....तेरी हूँ ....मुझको तेरी रहना है मत रोको इक पल भी मुझको संग हवा के बहना है कानों में है गूँज रही तेरी ही मीठी बातें तनहा तनहा कटती नहीं लम्बी हुई कितनी रातें सुन लो मेरे द...
शरण में रखना अधम पतित को जैसा भी हूँ तेरा ही अपने प्रेम की ज्योति जला दो मन में मेरे अँधेरा ही मद मस्त हुआ नाथ मैं अवगुण मेरे बिसारो जी कृपा भरी दृष्टि रखना तुम नाथ मैं दास तिह...
है सारी कायनात रोशन जिसके पाक इश्क़ से ही उसी की परछाइयाँ है जमीं पर बिखरी बिखरी सी वही फूलों की खुश्बू है वही हैँ रुख हवाओं के वहीं हैं घुली हुई महकें वही हैं सुर्ख फ़िज़ाओं म...
मेरी आँखों ने आज एक नया सा ख्वाब देखा है नज़र से दूर जो रहता वो दिल के पास देखा है वो आता है मिलने को उसी का रूप भीतर एक मैं तो खाली सा मकान हूँ छिपा है कोई भीतर एक कोई उसको ही मिलत...
खोल पंख सतरंगी अपने उड़ जा आसमान में आज तेरे पंखों को उसने खोल दिया है इतना ऊँची भर उड़ान पहुंच फिर है कोई आशियाना वहां तेरा इंतज़ार करता है कोई है तुझे जाना वहां वही देगा हौंस...
दे दो मुझे सहारा तेरे दर का हूँ भिखारी श्यामा तेरी शरण में बैठी है दुनिया सारी सबकी हो सुनने वाली श्यामा दयानिधि हो तुम ही मेरी हो पूजा तुम ही मेरी विधि हो कहीँ और मैं क्यों ज...
मन दे राह लग तुरयों क्यों बन्दगी ना कीती नहीं कीता शुक्राना उसदा जिसने ज़िन्दगी दिती सारी उम्रे मौजां माणियां याद ज़रा ना कीती अंत वेले खाली तुर जाणा तेरी दुनिया नाल प्रीत...
मैनू झूठे लारे लाए वे शामा तू चंगी नहीं कीती मेरे दिल दे चाह कुमलाये वे शामा तू चंगी नहीं कीती क्यों प्यार तेरे नाल पाया मैं हाय अपणा आप मुकाया मैं फेर वी ना तैनू पाया मैं शा...
नहीं रहता मैं पत्थरों में नहीं रहता आकाश में मेरा घर तेरा ही दिल है मैं हूँ तेरे विश्वास में है विश्वास तो आऊंगा इक दिन मेरा इंतज़ार करते रहना गुज़रे ऐसे तेरी ज़िन्दगी याद मुझ...
1 इश्क़ का मौसम है साहिब हर और शबाब है चिल्मनों में ही छुपे रहो कान्हा जमाना खराब है 2 मत आना मेरे सामने की नज़र में भर लूँगी होश कुछ बाक़ी रखा है जाने किधर कर लूँगी 3 मदहोशी हो गयी ह...
1 तेरे सिवा रखा क्या और इस ज़माने में खुद को ही अब लुटा दूँ इश्क़ के नज़राने में 2 हसरतें दिल में कई दबा रखीं तेरे इकरार से बेताब हुईं अब तक छुप रहीं थीं कोने में तेरे आने से बेनकाब ...
नस नस में बहे इश्क़ तेरा ऑंखें मेरी सूनी सी हैं पूछने पर बताती हैं इनमे किसी का आशियाना नहीं आ जाओ ना रह लो इन आँखों को आशियाना करो अब तक तो दिल दीवाना है रूह को भी दीवाना करो ऐस...
रोके नहीं रूकती हसरतें साहिब क्यों ये बिखरना चाहती हैं चाहो तो लूट ले जाओ सब अब ये कुछ संवरना चाहतीं हैं तेरे इश्क़ ने दिए पंख इनको ये पहले कुछ गुमसुम थीं अब बहकना आदत हो गयी ...
आजा रसिया अब होरी खेलें फ़ाग चढ़ चढ़ आयो रंग ले अपने रंग मोहे सांवरिया और रंग ना भायो रंग गुलाल उड़ उड़ रहे पवन में ऐसो रंग बरसायो मन मोरा भी रंग दे सांवरिया देख अब फागण आयो रंग दे च...
कबसे प्रीत लगाई साजन कबसे कीन्हीं सगाई बाँवरी बैठी राह निहारे तेरी क्यों है सुधि बिसराई नहीं आये मेरे श्याम पिया जी क्यों है देर लगाई अब ले जाओ देस अपने ही कीन्हीं सबने पर...
श्याम जी प्रीत निभाओ जी दीन हीन पड़ी द्वार तिहारे मत बिसराओ जी श्याम जी ....... पतित पावन है नाम तिहारो करो पतित को पावन अवगुण भरा मलिन मन मेरा कंटक भरा है दामन नाथ सम्भालो डोर जीव...
ये तराने हैं जो मोहबत के ये इश्क़ ए इलाही के फ़साने हैं तेरी ही रहमत है जो इश्क़ हुआ तेरे ही करम से तेरे दीवाने हैँ तू न चाहे तो क्या मुमकिन होता होंठ से नाम भी नहीं ले पाते यूँ समा...
यूँ ना करो दीवाना मेरी नींद खो जायेगी इश्क़ हद से बढ़ गया तो फिर दीद हो जायेगी मुझको बेखुद करदो मेरा होश तुम उड़ा दो कब से तड़प रही हूँ यूँ ना मुझे सज़ा दो तेरी तड़प ही मिलने की उम्मी...
तेरा इश्क़ मुझे सबसे अज़ीज़ है तेरी ही सौगात है तेरी ही चीज़ है तेरा इश्क....... मुझे कब हुआ था तुझसे तूने चाहा तो किया मैं बस मांगती रही तूने दिया ही दिया दिल को तेरा ही रोग अब तेरा मरी...
मोहे ना बिसारो नाथ हूँ शरण में तिहारी जन्म जन्म की पूँजी पायी मन्दमति ने बिगारी मोहे ना बिसारो ..... ना सेवा ना भक्ति किन्ही ना कोई नियम धराया मुझ अधमी पर कृपा नाथ की फिर भी गले ...
पलक लगी ना कटे नहीं रतियाँ पिया बिना कासे कहूं बतियाँ ऐ री सखी घनश्याम ना आये पिया बिना बाँवरी चैन ना पाये पलक लगी ना...... सावन भी पिया बिन ही गवाया अखियों ने अब सावन बरसाया आओ प...
तेरे इश्क़ ने क्या से क्या बनाया मुझे जमीं पर ही जन्नतों का रुख दिखाया मुझे है इनायत तेरी सनम की तुझसे इश्क़ हुआ नहीं थी काबिल फिर भी काबिल बनाया मुझे तेरे इश्क़ ने...... खुद पर अगर ग...
कैसे कहूँ इश्क़ नही है तुझसे तेरा इश्क़ ही ज़िंदगीं मेरी कैसे कहूँ दिल दिया ना तुझे तेरी चाहत ही बन्दगी मेरी कैसे कहूँ तेरा एहसास नहीं है तू बन गया है आशिकी मेरी कैसे कहूँ मिले...
क्यों बैठे हो दूर सांवरे किस दिन तुम आओगे बाट निहारूँ तेरी सांवरे कब दर्शन दिखलाओगे जन्मों जन्मों से बिछड़ी हूँ नाथ मुझे अपनालो कौन लेगा अब सुधि मेरी तुम्हीं नाथ सम्भालो ...
इस गली में अब दर्द ही दर्द मिलता है क्या करोगे साहिब इस गली से लौट चलो ये दर्द मेरा है मेरे हिस्से में आया तू खुश रहे तो ये दर्द भी कबूल मुझे कब से तुझको पुकार देखा है तूने क्यो...
जब कहीँ दिल पर जख्म खाया है जुबाँ पे बस तेरा ही नाम आया है जिसको इश्क़ किया उसने ही दर्द दिया मोहबत में क्यों ऐसा दौर आया है जितने भी दर्द दे सब हैं कबूल मुझे तू भी तो मेरा ही है क...
किंझ देखां तैनू मेरेया सजणा मेरी देखण वाली अख नहीं कदे लगे तूँ कोल मेरे ही तू तां मैथों वख नहीं क्यों नहीं दिसदा तेरा मुखड़ा क्यों तू मैनू नज़र नहीं लगदा मैं तैनू बुला ही नहीं...