ऐसो नैन क्या धरे देह माँहि ना कटिहे जग को फन्द ।। चहुँ ओर पियु नाँहि निरखे भलो रहे चाहे अन्ध ।। 1।। बलिहारी वा नैनन की या माँहि पिया रहे समाये ।। नैनन कोर ते पिया ही दिखे ओर कछु ...
लफ़्ज़ों पर मत जाइये हम यूँ ही फ़रमाते हैँ दिल में इश्क़ नहीं ज़रा हम यूँ ही अश्क़ बहाते हैँ करते हो तुम आज़माइश अपने ही इश्क़ की हम शमा जैसे रोज़ खुद को ही जलाते हैँ लफ़्ज़ों पर मत जाइये .......
सखी री आयो मेरो पियो को संदेस । कीजौ सिंगार री मेरो आवे है बृजेश ।। पिया बिनहुँ नाँहि प्राण धरूँ पिया मेरो प्राण । प्रेम ताहीँ धरूँ सखी निज देह माँहि प्राण ।। ऐसो मेरो पिया स...
जान ले लीजिये मेरा गम आप को परेशां न करे मौत ही क़बूल है मेरे जीने का सामाँ न करें ये अश्क़ ही तो मेरी ज़िन्दगी की दौलत हैँ रहने दें इनको मेरी ज़िन्दगी वीरां न करें जान ले लीजिये म...
दिल तेरे दर्द में जब ज़ार ज़ार रोता है हरेक शै में तेरा ही दीदार होता है क्यों खो जाते हो घड़ी दो घड़ी मिलकर जुदाई में ना पूछो क्या हाल होता है दिल तेरे दर्द में.......... दिल तो करता है खुद...
श्यामसुन्दर मोहे छोड़ ना जइहो कौन सों हिय की पीरा कहिहो नेह लगाय मोहना मैं तो हारी तुम पर अपनों जीवन वारी प्राणधन मेरो धन बन रहिहो श्यामसुन्दर मोहे छोड़ ना जइहो कौन सों हिय क...
श्यामाश्याम नित मुदित विराजें मैं जाऊँ बलिहारी जी । सेवा करूँ मैं चरण पखारूँ मोहे सेवा दीजौ प्यारी जी ।। कुसुम शैय्या होय मधुर सुवासित मधुर रस बरसाओ जी। मेरो मन अभिलाष यह...
देखीं हैँ मैंने साहिब तेरे इश्क़ की निशानियाँ नादान हूँ समझी नहीं साहिब तेरी मेहरबानियाँ ये जो दिल में है इश्क़ तेरा ये भी तेरी इनायत तुमने जिसे है चाहा उसने ही समझी चाहत मै...
दूर तेरी महफ़िल से चले जाऊँ तो कैसे हाल ए दिल अपना तुमसे छिपाऊँ तो कैसे हर शै में होने लगता है कभी दीदार आपका रूठते हो जब मुझसे तो मनाऊँ तो कैसे दूर तेरी महफ़िल से ....... नहीं औकात मे...
मुझको तेरे इश्क़ ने दीवाना कर दिया ये दिल तेरा ही था तुझे नज़राना कर दिया मेरा मुझमें क्या बचा जो कहूँ अब मेरा तेरी थी तेरी हूँ सदा जो भी है सब तेरा तेरा तुझको सौंप कर शुक्राना ...
मिलता है सुकून मुझे आपकी पनाहों में मन्ज़िल है मेरी दिलबर आपकी ही बाँहों में उठती है नज़र जिधर भी साहिब दीदार तेरा मेरा इश्क़ ये नहीं है ये तो इश्क है तेरा तुम ही तुम बस रहे हो स...
मैं प्यारी सखी प्रियतम अपने की प्रियतम मेरो सिंगार । मिलत रहें नित्य हमहुँ ऐसो नित्य रह्यो रास विहार ।। नित्य नित्य नवल रंग प्रीति को नित नयो हिय की चाह । प्रेम रसिक होय प्...
प्रियतम बिनहुँ काहे ना निकसत प्राण ओ विधना काहे दियो स्वास् मोहे या घट होय मसान प्रियतम बिनहुँ काहे ना निकसत प्राण जगत से मोह काहे लगावे मनवा पीर हिय को ही पावे तू मनवा बिस...
भज रे मना भज रे मना हरि सों प्रीति कर रे मना धर रे मना धर रे मना हरि चरणन मन धर रे मना भटक रहा तू नित विषयन माँहि जगत ने तोहे भरमाया मोह मद मत्सर के वश भटके हरि सों नेह न लगाया मन म...
सखी श्याम पिया मैं पाई हो सतरंगी सी चुनर म्हारी श्याम रंग रंगाई हो सखी श्याम पिया मैं पाई हो जाके हिय प्रेम नाँहि परसे क्या जाने पीर पराई हो सखी श्याम पिया मैं पाई हो प्रीत व...
बेकरार रूह को ग़र दीदार ए दिलबर न हो मर ही जायेंगें मोहना हर और तुझे देखने वाली नज़र न हो कभी फ़ूल कभी ख़ुशबू कभी बहार ए चमन तुम ज़िन्दगी भी मौत है मोहन ग़र तू दिलबर न हो आहें भी तूफ़ान ...
आयें हैँ वो पहलू में तो शिकवा न करेंगें वो चाहते हैं इश्क़ तो हम इश्क़ करेंगें हम तो जी रहे हैं उनकी मोहबतें उन पर फ़िदा न होंगें तो क्या करेंगें आये हैँ वो ....... हर और ही होता है हमको ...
मुझ अधम का नहीं कोई और लाडली ! तुम ही मेरी ठौर किशोरी ! तुम ही मेरी ठौर तुम्हरे बिन मेरो जीवन अँधेरा कर दो किशोरी नया सवेरा काल रात्रि कटे जीवन की प्रेम मई हो भोर किशोरी ! तुम ही ...
युगल प्रीत बिनु व्यर्थ ये जीवन होय स्वास् होय बेमोल । कबहुँ युगल नाम सिमरेगो समय गवाय दियो अनमोल ।। कबहुँ श्यामाश्याम न मनावे कैसो युगलवर रीझें । मन में कल्मष विकार होय भ...
प्रेम न बन्यो कबहुँ धन मेरो धन रह्यो जगत को समाय हिय माँहिं पीर उठे न युगल बिन बाँवरी तू युगल कहाँ ते पाय जो होतो प्रेम अति थोरो हिय रहतो कबहुँ अधीरा नाय जिव्हा युगल नाम न भज...