जीना तुम इसे
जीना
कैसे कहते हो तुम जी लो
तुम्हारे बिना कोई जिंदगी है
कोई वजह तो दो
जीने की
साँस लेने की
तुम्हारे सिवा कोई और
वजह भी तो नहीं
कह दो मिलूंगा कभी
बस तेरे वादे पर ही यकीन करूँ
मिल जाये वजह जीने की
फिर ये
बेचैनी
तड़प
रोना
सिसकना
सब कबूल मुझे
बस एक बार
सिर्फ एक बार
सामने आकर कहदो
हाँ मिलूंगा
इंतज़ार करो
फिर इसी इंतज़ार में
कट जायेगी जिंदगी
दे दो
इस बेवजह जिंदगी को
जीने की एक
खूबसूरत वजह
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