पीहू पीहू रटत
पीहू पीहू रटत रटत बिरहनी देखहुँ भई बाँवरिया !
कित खोजूँ कौन बाट निहारूँ कैसो मिले सांवरिया !!
पीर हिय में मेरो भारी पीर भरी ये गगरिया !
कबहुँ मिलोगे नटवर मोहे कबहुँ सुनूँ बाँसुरिया !!
नाम तेरो ही पल पल टेरूँ मोहन तेरी गुजरिया !
कौन घड़ी भाग मेरो जागे दरस दे मोहे साँवरिया !!
रैन दिवस पीहू पीहू करे हिय कौन पीर मेरो जाने !
जाके हिय लागे जे प्रेम कटारी पीर सोहि पहचाने !!
अति व्याकुल भई चीत्कार हिय क्रंदन सुन कन्हाई !
बाँवरिया तेरी बाट निहारे कबहुँ कीजौ सुनवाई !!
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