एक विनय मेरी श्यामा
एक विनय मेरी श्यामा तेरा नाम मेरा धन हो
मैं दासी बनूँ श्यामा तेरी सेवा मेरा प्रण हो
महलों की मुझे मिले चाकरी रख लो मुझे अब राधा
तेरा नाम महाधन श्यामा काटे भव की बाधा
तेरे चरणों में वास् मिले मुझे ऐसा मेरा जीवन हो
एक विनय मेरी श्यामा तेरा नाम मेरा धन हो
मैं दासी बनूँ श्यामा तेरी सेवा मेरा प्रण हो
तुम ही ठौर हो मेरी लाडली मैं हूँ दासी तिहारी
मन में मेरे आन बसो तुम संग मोहन बनवारी
मन ही पूजा थाल बने और अश्रु मेरे सुमन हों
एक विनय मेरी श्यामा तेरा नाम मेरा धन हो
मैं दासी बनूँ श्यामा तेरी सेवा मेरा प्रण हो
नित नित निहारूँ लाडली तुमको जीवन सफल हो मेरा
जिव्हा पर तेरा नाम रहे सदा गुण गाऊँ मैं तेरा
मन मन्दिर में आन विराजो नित्य तेरा पूजन हो
एक विनय मेरी श्यामा तेरा नाम मेरा धन हो
मैं दासी बनूँ श्यामा तेरी सेवा मेरा प्रण हो
Comments
Post a Comment