हम चाकर तेरे द्वार पर

हम चाकर तेरे द्वार पर किशोरी हमको प्रेम की भिक्षा दो
सेवक धर्म निभाएं अपना ऐसी हमें कोई शिक्षा दो

नहीं कोई जप मेरा नहीं कोई तप मेरा नाम तेरा नहीं ले पाई
मैला झूठा हृदय है मेरा जो तेरे द्वारे पर ले आई
तप जाऊँ तेरे प्रेम में श्यामा ऐसी अग्नि परीक्षा दो
हम चाकर तेरे.....

राह तेरा मैं सदा निहारूँ कब मेरी श्यामा अपनाए मुझे
हूँ तो अधम पर आस सदा से कब श्यामा सेवा लगाए मुझे
बरस रहे व्याकुल नैनों को लाडली अपनी प्रतीक्षा दो
हम चाकर तेरे......

तेरे चरणों की सेवा जो पाऊँ सफल बने जीवन मेरा
बिना तुम्हारे मेरी लाडली जीवन मेरा है घोर अँधेरा
सदा ही माँगा तुमसे लाडली आँचल में अब भिक्षा दो
हम चाकर तेरे द्वार पर किशोरी हमको प्रेम की भिक्षा दो
सेवक धर्म निभाएं अपना ऐसी हमें कोई शिक्षा दो

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